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आइस मेक कूलिंग सिस्टम की ग्रेटर नोयडा में प्रदर्शनी

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नई दिल्ली , 26 फरवरी 2020: आइस मेक रेफ्रिजरेशन लिमिटेड (आइस मेक) ने ग्रेटर नोएडा के आईइएम्एल   (IEML) परिसर में 27 से 29 फरवरी 2020 तक दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी प्रदर्शनी अक्रेक्स इंडिया ( Acrex India ) में डेयरी किसानों , निर्माताओं , आपूर्तिकर्ताओं और वितरकों के लिए प्रशीतन प्रणालियों और समाधानों की एक श्रृंखला प्रदर्शित कर रहा है।   एयर कंडीशनिंग , वेंटिलेशन और इंटेलीजेंट   इमारतों पर यह   विशेष अंतरराष्ट्रीय आयोजन इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग , रेफ्रिजरेटिंग एंड   एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स ( ISHRAE), और न्युनवर्ग मेस्से इंडिया  (NuernbergMesse India) द्वारा   इंडस्ट्री के   विभिन्न हितधारकों   के लिए    किया जा रहा    है। आइस मेक रेफ्रिजरेशन लिमिटेड के सीएम्डी    चंद्रकांत पटेल ने कहा " आइस मेक कूलिंग समाधान व   इक्विप्मेंट   मैन्युफैक्चरिंग   में   एक   अग्रणी   कम्पनीओ    में   से   एक    है.    हम यहां कूलिंग कॉइल्स  , ए...

पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था: हम टिक -टाक युवाओं पर इतना बोज क्यों ?

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अगले ५-७ वर्षो में भारत को   350 खरब रुपये (पांच खरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हम को ना सिर्फ आर्थिक सुस्ती से निजात पाना होगा ,  बल्कि हर साल करीब आठ फीसद की विकास दर भी हासिल करनी होगी। सभी अर्थशास्त्री और विशेषज्ञों की यही राय है और केंद्र सरकार से मांग भी है और उम्मीद भी.   मैंने यहाँ पर "हम" सब्द का प्रयोग इस लिए किया क्योंकि यह सब हम सभी १३० करोड़ भारतीयों के सहयोग से ही सम्भव हो सकेगा।   रोजगार के अवसरों में वृद्धि   ,  करदाताओं की संख्या में वृद्धि और आर्थिक उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने की आवश्यकता है। देश को बड़े लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा   और अपने समय का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना समय की सबसे बड़ी माँग है   । हाल ही में टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक   रिपोर्ट में यह अचंभित करने वाली बड़ी   गंभीर खबर छपी हुयी थी जिसमे यह बताया गया कि  2019  भारत    ने  5.5  अरब घंटे चीनी मोबाइल ऐप  "टिक -टाक" पर बिताये। जिसका मतलब है लगभग  5  घंटे प्रति व्यक्ति कीमती समय भार...

एलआईसी आईपीओ: इक्विटी मार्केट में लाखो नये निवेशकों को आकर्षित करने का बड़ा अवसर

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले सप्ताह अपनी बजट प्रस्तुति के दौरान जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के विनिवेश की घोषणा के तुरंत बाद केंद्र सरकार के आलोचकों ने भारत की इस सबसे बड़ी वित्तीय संस्था के  हितधारकों-कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच भ्रम और भय पैदा करने की कोशिश की है। लेकिन आज इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, LIC ने  अपने  हितधारकों के साथ सम्बाद व्  समझ   स्थापित करने  लिए पब्लिक रिलेशन (PR) की प्रक्रिया सुरु की है. यह एक बुद्धिमान कदम है जो तेजी से फैल रही अफवाह के बाजार को ठंडा करके  उनके सभी  हितधारकों को विश्वास में लेने में मदत करेगी।  मोदी सरकार के आलोचक LIC में शेयर बिक्री को संस्था के पूर्ण निजीकरण ’के रूप में पेश कर रहे हैं जिसका अर्थ है कि या तो वे भ्रामक हैं या आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव) के बारे में उन्हें  कोई ज्ञान  नहीं है। सार्वजनिक संस्था या उपक्रम  का पूर्ण  निजीकरणं तब होता है जब सरकार अपना पूर्ण स्वामित्व और...

बजट टिप्पणी; वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20:20 बजट पिच पर सिक्सर क्यों नहीं लगाये ?

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लोकतंत्र में जनता ने देश को आगे ले जाने की जिम्बेवारी सरकार पर छोड़ रखी है तो हमारा यह अधिकार    बनता है कि हम उनके प्रयासों का पूरी   तरह अच्छा या बुरा आकलन व विश्लेषण अवश्य   करे. लेकिन विश्लेषण करने के कुछ तौर तरीके व् आयाम होते है ,  सही समझ , जानकारी, तथ्य,  ज्ञान व् उदेश्य के बिना किसी नतीजे पे पहुंचना तो सरासर खुल्लम खुल्ला   बेइमानी कही जा सकती   है।   मीडिया वर्ग के   जानकर व् विषेशज्ञ   पत्रकार बंधु   भी   अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लम्बे भाषण को आलोचना    का मुख्य केंद्र   बिंदु बना रहे हैं और   एलआईसी में से सरकार की कुछ हिस्सेदारी को शेयर बाजार के माध्यम से निवेशकों को बेच कर पूंजी जुटाने के प्रयास   को ,  सरकार के हाथ में सीमित संसाधनों की वजह से कोई बड़ा पाथ ब्रेकिंग बोल्ड   ऐलान    न होना आदि को सरकार की नाकामयाबी बता रहे है तो अशिक्षित व् कम शिक्षित वर्ग से क्या उम्मीद कर सकते है. वे तो जो सुनेगे   उसी को सत्य या असत्य मानेगे    औ...