"अंतरिम बजट एक मजबूत भारत के लिए नयी ऊर्जा , आकांक्षा व् आशा की किरण है" " आर्यन प्रेम राणा -चीफ मेंटर , आर्याना माटास्को
अंतरिम यूनियन बजट 2019 निरंतर मजबूत आर्थिक विकास, सकारात्मक व्यापार और नीतिगत वातावरण और राजनीतिक स्थिरता के लिए एक बड़ी आशा की किरण है जो केंद्र सरकार विरोधी नये राजनैतिक गठबंधनों को हतासा में डाल सकता है । केंद्रीय सरकार का यह इंटरिम बजट संतुलित होने के साथ- साथ प्रगतिशील, दूरदर्शी और नए भारत के निर्माण के लिए दीर्घकालिक दूर दृष्टि है। वित्त मंत्री ने वंचित और सबसे गरीब किसानो की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए पर्याप्त रूप से ध्यान केंद्रित करते हुये कई ऐतिहासिक व् महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधान कर विकास और सामाजिक-आर्थिक न्याय के बीच सही संतुलन कायम करने की बेहतरीन कोशिश की है, भारत में लाखों लोगों को अपने ज्ञान , कौशल और क्षमता से आजीविका की तलाश करने का रास्ता प्रदान किया है । कृषि, उद्योग और सेवाओं सहित सभी क्षेत्रों जैसे देश रक्षा के लिए मजबूत बजट, स्वास्थ्य, बीमा , शिक्षा, आय, गरीबो के लिए आवास और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मोदी सरकार ने बजट प्रस्तावों में मध्यम वर्गको वांछित राहत, कृषि, ग्रामीण क्षेत्र, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों सहित हर नागरिक के मुँख पर मुस्कान लाने की कोशिश की है। बजट में सामाजिक-आर्थिक समानता और न्याय की दिशा में सबसे सराहनीय कदम 12 करोड़ गरीब किसानों को 75000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के आवंटन है जिसमे सीधे 6000 रुपये की रकम प्रति व्यक्ति हस्तांतरण की जाएगी और मध्यम वर्ग की आबादी के 60% लोग जो लगभग 70 करोड़ से अधिक भारतीय हैं को 5 लाख रुपये तक की आय में कर में छूट की घोषणा शामिल है.
संक्षेप में कहे तो फार्म पैकेज, कर राहत और बीपीएल पेंशन जैसे उपाय उपभोग की मांग को बढ़ावा देंगे और रोजगार और नौकरी के अवसरों को बढ़ाने के अलावा, विशेष रूप से बड़े कॉर्पोरेट्स, एसएमई और स्टार्टअप्स द्वारा अधिक से अधिक घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करेंगे और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को आकर्षित करेंगे जिससे मध्यम अवधि में 8% से अधिक जीडीपी में वृद्धि हो सकेगी।
देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि हमारे पीआर और संचार क्षेत्र के लिए बेहतर आर्थिक गतिविधियों और सभी उपभोगों में वृद्धि के माध्यम से बेहतर विकास के अवसरों का प्रसार करेगी। यह हमारे सभी हितधारकों जैसे पीआर और आईआर कंसल्टेंसी, विज्ञापन एजेंसियों, डिजिटल, ऑनलाइन और दूसरों के बीच सोशल मार्केटिंग पेशेवरों को अत्यधिक लाभ पहुंचाएगा।
हालांकि, बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती अनिश्चितता और तनावों के कारण भारत को अगले पांच वर्षों में अपने प्रयासों से परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड को और भी ऊंचा उठाने की आवश्यकता होगी। बजट प्रस्तावों को प्रभावी तरीके और समय पर कार्यान्वयन करना भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने में मदद करने की कुंजी साबित होगी
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें